भारतीय फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी की इतिहास की सबसे बड़ी अधिग्रहण की डील रद्द हो गई है. पेयू (PayU) के मालिकाना हक वाली कंपनी प्रॉसस (Prosus) ने भारतीय पेमेंट कंपनी बिलडेस्क (BillDesk) के साथ अपनी डील को तोड़ते हुए कहा है कि कुछ ऐसी शर्तें थीं, जिन्हें पूरा नहीं किया गया. यह डील 4.7 बिलियन डॉलर की थी.
सोमवार को जारी एक बयान में, प्रॉसस ने कहा, “इस अधिग्रहण सौदे में होने वाला लेनदेन विभिन्न शर्तों के पालन पर निर्भर करता था, जिसमें भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की मंजूरी भी शामिल थी. पेयू ने 5 सितंबर, 2022 को सीसीआई की मंजूरी हासिल की,परतु, कुछ शर्तें 30 सितंबर 2022 तक पूरी नहीं हुई थीं. लंबी स्टॉप डेट, और समझौता इसकी शर्तों के अनुसार ऑटोमेटिकली समाप्त हो गया है.”
31 अगस्त 2021 को, Prosus ने घोषणा की थी कि उसकी सहायक कंपनी PayU Payments Private Limited (PayU) और भारतीय डिजिटल पेमेंट्स प्रोवाइडर BillDesk के शेयरधारकों के बीच एक समझौता हुआ है. इस सौदे को सितंबर में CCI की मंजूरी मिल गई थी, लेकिन इसे अभी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मंजूरी मिलना बाकी था. इस प्रक्रिया में कम से कम 45 दिन लगने थे.
भारत में लगातार काम कर रही है प्रॉसस
2005 से लेकर अब तक प्रॉसस भारत में लगातार निवेश और काम कर रही है. कंपनी ने इस दौरान भारतीय टेक्नोलॉजी कंपनियों में 6 बिलियन डॉलर का निवेश किया है. कंपनी ने अब कहा है कि वह भारतीय बाजार पर अपना ध्यान केंद्रित रखेगी और इस क्षेत्र में अपने वर्तमान बिजनेसेज को बढ़ाने के लिए काम करती रहेगी. कंपनी ने ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म मीशो (Meesho), बायजूस, डीहाट (DeHaat), मेन्सा ब्रांड्स एंड गुड ग्लैम ग्रुप में निवेश किया हुआ है.