दुनिया में पहली बार किसी को क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) का दोषी पाया गया है. यह मामला दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक कॉइनबेस (Coinbase) से जुड़ा है. अमेरिका की एक अदालत ने इस मामले में एक भारतीय नागरिक को दोषी करार दिया है. दोषी निखिल वाही कॉइनबेस के एक पूर्व प्रोडक्टर मैनेजर ईशान वाही का भाई है. निखिल वाही ने ईशान और अपने मित्र समीर रमानी के साथ मिलकर करीब 12 करोड़ रुपये से ज्यादा का अवैध लाभ कमाया था. निखिल को सजा दिसंबर में सुनाई जाएगी. वहीं ईशान वाही ने अभी तक अपना दोष स्वीकार नहीं किया है, जबकि समीर रमानी फरार है.
जुलाई में गिरफ्तार किए गए निखिल वाही ने कोर्ट में अपना अपराध कबूल कर लिया है. जिसके बाद यूएस डिस्ट्रिक्ट जज लोरेट प्रेस्का ने उन्हें दोषी करार दे दिया. इस मामले में ईशान वाही, निखिल वाही और अमेरिका में रह रहे एक भारतवंशी समीर रमानी पर क्रिप्टोकरेंसी की इनसाइडर ट्रेडिंग में शामिल होने का आरोप है. इशान वाही ने अपने भाई और एक अन्य दोस्त समीर रमानी को उन डिजिटल एसेट्स के बारे में बताया था जो कॉइनबेस पर ट्रेड के लिए आने वाली थीं.
कबूल किया अपराध
मनीकंट्रोलके अनुसार, 26 वर्षीय निखिल वाही ने मैनहॉटन की अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई के दौरान स्वीकार किया कि उन्होंने कॉइनबेस की गोपनीय जानकारियों के आधार पर क्रिप्टो में ट्रेडिंग की थी. अभियोजन पक्ष का कहना था कि ईशान वाही ने अपने भाई और उनके दोस्त समीर रमानी के साथ यह गोपनीय जानकारी शेयर की थी कि कॉइनबेस आने वाले दिनों में किन क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल एसेट्स को अपने प्लेटफॉर्म पर शामिल करे