मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज नवा रायपुर अटल नगर में संचालित निःशुल्क श्री सत्य सांई संजीवनी माँ और बाल हॉस्पिटल की आयोजित पहली वर्षगांठ में शामिल हुए और अस्पताल के समस्त प्रबंधन स्टॉफ को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर श्री सत्य सांई संजीवनी अस्पताल को मानवता की सेवा में बेमिसाल बताया। उन्होंने कहा कि इसके उत्कृष्ट सेवा-भाव की पहचान देश और दुनिया में है और यहां निरंतर काफी तादाद में लोग आकर अस्पताल के निःशुल्क इलाज और सेवा का लाभ उठा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह सचमुच बहुत ही प्रसन्नता की बात है। मुझे जानकारी दी गई है कि केवल एक वर्ष में ही इस हॉस्पिटल ने 10 हजार 451 से अधिक गर्भवती माताओं का इलाज किया है और यहां 547 माताओं का सुरक्षित प्रसव कराया जा चुका है। मैं इस हॉस्पिटल के संचालकों, डॉक्टरों, नर्सों और सभी कर्मचारियों से कहना चाहता हूं कि आप की सेवा-भाव अतुलनीय है। आप न सिर्फ मानव-सेवा कर रहे हैं, बल्कि राष्ट्र-निर्माण भी कर रहे हैं। एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए सबसे पहले जरूरी है कि न केवल उसका हर नागरिक स्वस्थ हो, बल्कि आने वाली पीढ़ी भी सेहतमंद हो। जब एक मां स्वस्थ होगी, तो वह स्वस्थ शिशु को जन्म देगी। यह शिशु ही भावी राष्ट्र-निर्माता होगा। आज के दौर में लोगों के लिए यह कल्पना से परे है कि विश्वस्तरीय अधोसंरचना और सुविधाओं से लैस किसी गैरशासकीय अस्पताल में पूरी तरह से निःशुल्क उपचार होता होगा। लेकिन इस चमत्कार को छत्तीसगढ़ में होते हुए प्रत्यक्ष देखा जा सकता है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि नवा रायपुर का श्री सत्य सांई अस्पताल हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के निःशुल्क उपचार के लिए पहले ही कैश काउंटर-लैस अस्पताल के रूप में विश्व-विख्यात है। अब मां एवं बाल हॉस्पिटल के रूप में इस अस्पताल ने सेवा के और भी नये आयाम जोड़ लिए हैं। श्री सत्य सांई अस्पताल का छत्तीसगढ़ में होना हर छत्तीसगढ़िया के लिए बहुत गर्व की बात है। मैं विनम्रतापूर्वक आप सभी को बताना चाहता हूं कि बीते पौने चार वर्षों के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार ने भी महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए फोकस करते हुए काम किए हैं।
बच्चों को कुपोषण से, और माता-बहनों को एनीमिया से मुक्ति दिलाने के लिए राज्य में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का संचालन किया जा रहा है, जिसमें हमें अच्छी सफलता मिली है। विगत पौने चार वर्षों में राज्य में कुपोषण में 8.7 प्रतिशत की कमी आई है। अब तक 02 लाख से अधिक बच्चे कुपोषण मुक्त हो चुके हैं। एक लाख से अधिक महिलाएं एनीमिया मुक्त हो चुकी हैं। माताओं-बहनों को घर-पहुंच चिकित्सा सुविधा मिल सके, इसके लिए राज्य में दाई-दीदी क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। इस अवसर पर श्री सत्य सांई संजीवनी अस्पताल से डॉ. श्रीनिवास, डॉ. अर्चना, डॉ. नारायण मूर्ति सहित चिकित्सकीय स्टाफ तथा मरीजों के परिजन उपस्थित थे।