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देशवासी तय कर लें कि गंदगी नहीं करनी है, तो बिना बजट के भी स्वच्छता कायम हो जाएगी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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फोटो साभार

नई-दिल्ली, विज्ञान भवन में भारत स्वच्छता सम्मेलन (INDOSAN) के उद्घाटन समारोह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आशय से कहा कि अगर हम देशवासी तय कर लें कि गंदगी नहीं करनी है, तो बिना बजट के भी स्वच्छता कायम हो जाएगी। मोदी ने कहा कि हम तीर्थ स्थानों में आने वाले लोगों को सफाई का महत्व समझा सकते हैं, पी.एम ने स्वच्छता अभियान में अच्छा काम करने वालों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में बोलते हुए मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान का सपॉर्ट करने के लिए मीडिया की भी तारीफ की, उन्होंने कहा, ‘स्वच्छ भारत मिशन से लोगों में स्पर्धा का माहौल पैदा हुआ है। हम अपने घरों में तो सफाई रखते हैं, लेकिन सार्वजनिक जगहों पर गंदगी फैलाने में पीछे नहीं रहते। जिस दिन हम यह समझ लेंगे कि देश भी हमारा है, सरकार भी हमारी है और सरकारी सम्पत्ति भी हमारी है, उस दिन चीजें बदल जाएंगी। पी.एम ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान ने बहुत कम समय में लोगों के बीच अपनी जड़ें जमाई हैं। गंदगी देखते ही हमारा मन अस्वस्थ हो जाना चाहिए। अगर हम देशवासी तय कर लें कि गंदगी नहीं करनी है तो बिना बजट के भी स्वच्छता कायम हो जाएगी। गंदगी का समाधान है कि हम स्वच्छता को स्वभाव बना लें। जब भारत गुलाम था तो गांधी जी ने सत्याग्रह किया। आज के वक्त में हमें स्वच्छाग्रहियों’ की जरूरत है जो हमें गंदगी से आजाद करा सकें। स्वच्छता से रोजगार विकसित करने के बारे में बोलते हुए मोदी ने कहा स्वच्छता मिशन में रोजगार की संभावनाएं छिपी हुई हैं। हमें वेस्ट को वेल्थ में बदलने की जरूरत है। श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की नई दिल्ली, राजपथ पर शुरूआत करते हुए कहा था कि “एक स्वच्छ भारत के द्वारा ही देश 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर अपनी सर्वोत्तम श्रद्धांजलि दे सकते हैं।” 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन देश भर में व्यापक तौर पर राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में शुरू किया गया था। इस अभियान के अंतर्गत 2 अक्टूबर 2019 तक “स्वच्छ भारत” की परिकल्पना को साकार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा चलाया गया सबसे महत्वपूर्ण स्वच्छता अभियान है। श्री नरेन्द्र मोदी ने इंडिया गेट पर स्वच्छता के लिए आयोजित एक प्रतिज्ञा समारोह की अगुआई की थी। जिसमें देश भर से आए हुए लगभग 50 लाख सरकारी कर्मचारियों ने भाग लिया। उन्होंने इस अवसर पर राजपथ पर एक पदयात्रा को भी झंडी दिखाई थी और न केवल सांकेतिक रूप से दो चार कदम चले बल्कि भाग लेने वालों के साथ काफी दूर तक चलकर लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया। स्वच्छता के जन अभियान की अगुआई करते हुए प्रधान मंत्री ने जनता को महात्मा गांधी के स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक वातावरण वाले भारत के निर्माण के सपने को साकार करने के लिए प्रेरित किया। श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं मंदिर मार्ग पुलिस थाने में स्वच्छता अभियान को शुरू किया। धूल-मिट्टी को साफ़ करने के लिए झाडू उठाकर स्वच्छ भारत अभियान को पूरे राष्ट्र के लिए एक जन-आंदोलन का रूप दिया और कहा कि लोगों को न तो स्वयं गंदगी फैलानी चाहिए और न ही किसी और को फैलाने देना चाहिए। उन्होंने “न गंदगी करेंगे, न करने देंगे।” का मंत्र भी दिया। श्री नरेन्द्र मोदी ने नौ लोगों को स्वच्छता अभियान में शामिल होने के लिए भी आमंत्रित किया और उनमें से हर एक से यह अनुरोध किया वो अन्य नौ लोगों को इस पहल में शामिल होने के लिए प्रेरित करें। लोगों को इस अभियान में शामिल होने का आह्वान करके स्वच्छता अभियान एक राष्ट्रीय आंदोलन का रूप ले चुका है। स्वच्छ भारत अभियान के संदेश ने लोगों के अंदर उत्तरदायित्व की एक अनुभूति जगा दी है। अब जबकि नागरिक पूरे देश में स्वच्छता के कामों में सक्रिय रूप से सम्मिलित हो रहे हैं, महात्मा गांधी द्वारा देखा गया ‘स्वच्छ भारत’ का सपना अब साकार होने लगा है। स्वच्छता अभियान के तहत 2 अक्टूबर को एन.डी.टी.वी. द्वारा आयोजित “स्वच्छ इंडिया क्लिनेथान कार्यक्रम” में श्री अमिताभ बच्चन ने मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से लाइव चर्चा करते हुए छत्तीसगढ़ में चल रहे स्वच्छता अभियान की जानकारी ली है।

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