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उच्च शिक्षण संस्थानों को मिलने वाले सभी दान अब 100% टैक्स फ्री होंगे! शिक्षा से जुड़ी संसदीय समिति की अहम सिफारिश

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देश के शिक्षण संस्थानों (Educational Institutions) में आए दिन टैक्स चोरी (Tax Evasion) के संदेह को लेकर आयकर विभाग (Income Tax Department) की छापेमारी होती रहती है. पिछले महीने ही कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित कई शिक्षण संस्थानों में आयकर विभाग की रेड (Raids) हुई थी. आपको बता दें कि देश में कई ऐसे निजी शिक्षण संस्थान हैं, जिनके खिलाफ टैक्स चोरी और अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगते रहते हैं. हालांकि, कभी-कभी यह गलत भी साबित होते हैं. समय-समय पर प्राइवेट शिक्षण संस्थानों के द्वारा यह मुद्दा जोर-शोर से उठाया भी जाता है. ऐसे में अब एक संसदीय समिति ने उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुदान को टैक्स से छूट की सिफारिश की है. शिक्षा से जुड़ी इस संसदीय समिति का कहना है कि उच्च शिक्षण संस्थानों को अनुदान और सामुदायिक योगदान उचित माध्यम से प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.

समिति ने कहा है कि देश के निजी शिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है. समिति ने व्यक्तियों, पूर्व छात्रों और संस्थानों द्वारा मिलने वाले दान को टैक्स इंसेंटिव के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. समिति ने कहा इससे ये संस्थान आत्मनिर्भर बन सकते हैं. इसके साथ ही समिति ने कहा है कि संस्थानों को इससे अपने स्रोत विकसित करने में मदद मिलेगी.

टैक्स फ्री होंगे उच्च शिक्षण संस्थान?

बता दें देश में मोदी सरकार आने के बाद प्राइवेट संस्थानों में सुधारों के साथ-साथ इनकी संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. इसके लिए मोदी सरकार ने इन संस्थानों के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए कई तरह के रियायत भी दे रही है. संसदीय समिति का ताजा सिफारिश भी इन संस्थानों को आत्मनिर्भर बनाने में एक बहुत बड़ा कदम होगा.

संसदीय समिति की क्या है सिफारिश

संसदीय समिति ने इसके साथ ही शिक्षण संस्थानों के साथ कोचिंग संस्थानों की मिलीभगत, प्रश्न पत्र लीक, छात्र -परीक्षक गठजोड़ जैसे मुद्दों को लेकर भी चिंता जताई है. समिति ने शिक्षा मंत्रालय से सिफारिश की है कि उच्च शिक्षा को विश्वस्तरीय बनाना है तो इन विषयों से निपटना ही होगा. इसके साथ ही समिति ने कई और अहम सिफारिशें की है. जैसे, डीम्ड विश्वविद्यालय की जगह सिर्फ विश्वविद्यालय शब्द का प्रयोग, नियामक के कामकाज व अधिकारों में किसी तरह का टकराव न पैदा हो, उच्च शिक्षा संस्थानों को उद्योगों के साथ अपने जुड़ाव और वर्तमान स्थिति की समीक्षा करनी चाहिए और उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की कमी को दूर करने और पर्याप्त और योग्य शिक्षकों की तैनाती के लिए शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में सुधार करना चाहिए.

समिति ने उच्च शिक्षण संस्थानों को मिलने वाले सभी तरह के दान को शत-प्रतिशत टैक्स फ्री करने की सिफारिश की है. इस संसदीय समिति के अध्यक्ष राज्यसभा सांसद डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे हैं, बीते सोमवार को समिति की सिफारिशें राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को सौंप दी गई.

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