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श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री बोले- कई देशों से मांगी मदद लेकिन, संकट के समय सिर्फ भारत ने दिया साथ

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पड़ोसी देश श्रीलंका (Sri Lanka Crisis) अपनी आजादी के बाद से सबसे बुरे आर्थिक संकट (Economic Crisis) का सामना कर रहा है. सरकारी खजाना पूरी तरह से खाली हो गया है और सरकार के पास तेल और दवाइयां जैसी जरूरी चीजें खरीदने के लिए भुगतान करने के पैसे नहीं हैं. देश में खाद्य सामाग्री, ईंधन, रसोई गैस की भारी किल्लत है. लगभग सभी शहरों में ईंधन लेने के लिए स्टेशनों में हजारों लोगों की लंबी लंबी लाइने लगी हुई हैं. इस बीच शनिवार को देश के ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकेरा ने भारत को लेकर एक बड़ा बयान दिया है.

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस आर्थिक संकट के दौर में उनके देश ने कई देशों से मदद के लिए बात की. अलग अलग देशों से ईंधन के लिए अनुरोध किया गया है, लेकिन संकट के इस दौर में अभी तक एकमात्र भारत ही ऐसा देश है जिसने हमारी मदद की है. उन्होंने कहा कि जो हमारी मदद के लिए आता है तो हम उसकी सराहना करते हैं.

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार श्रीलंकाई ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकेरा ने फ्यूल खरीदने के लिए एक क्रेडिट लाइन देने के लिए भारत की जमकर प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि हम मदद के लिए रूसी सरकार से भी बात कर रहे हैं और हमने उनको अपनी जरूरते बता दीं हैं.

श्रीलंका सरकार ने शुरू की नई राशनिंग योजना
बता दें कि श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री आज नेशनल फ्यूल पास योजना के नाम से एक ईंधन राशनिंग योजना शुरू की. सरकार द्वारा जारी नया पास साप्ताहिक आधार पर ईंधन कोटे के आवंटन की गारंटी देगा. इसमें वाहन और अन्य कागजों के सत्यापित होने के बाद प्रत्येक राष्ट्रीय पहचान धारक के लिए एक क्यूआर कोड प्रदान किया जाएगा.

2 करोड़ से अधिक लोग हुए प्रभावित
बता दें कि श्रीलंका में आर्थिक संकट से करीब 2 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. इस मुश्किल दौर में श्रीलंका की भारत ने खुलकर मदद की है और अभी तक पड़ोसी देश में ईंधन, अन्य, दवाएं समेत कई सामान की खेप पहुंचाई जा चुकी है. भारत ने अभी तक श्रीलंका की करीब 3 बिलियन डॉलर से अधिक की मदद की है. भारत ने शनिवार को आश्वस्त किया कि वह आर्थिक बहाली के लिए भविष्य में भी मदद करता रहेगा.

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