रायपुर, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू ने बच्चों के लिए नवाचार विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में कहा कि बच्चों को स्वस्थ और सुरक्षित जीवन देना परिवार, समाज और सरकार सहित हम सबकी सामाजिक जिम्मेदारी है। यह छत्तीसगढ़ सरकार के महिला और बाल विकास विभाग, छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग और यूनिसेफ द्वारा यह कार्यशाला संयुक्त रूप से आयोजित की गई है, कार्यशाला में ग्यारह राज्यों- छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, जम्मू कश्मीर, अरूणांचल प्रदेश, तमिलनाडु, ओड़िशा, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, असम और महाराष्ट्र के प्रतिनिधि भी इसमें हिस्सा ले रहे हैं। श्रीमती साहू ने कहा कि यह राज्य सरकार की भी सर्वोच्च प्राथमिकता में है, कुपोषण दूर करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित नवाजतन योजना, महतारी जतन योजना तथा मुख्यमंत्री अमृत योजना का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इन योजनाओं के क्रियान्वयन से राज्य में लगातार कुपोषण में कमी आयी है। कार्यशाला में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती स्तुति कक्कड़ ने भी अपने विचार व्यक्त किए, उन्होंने कहा- हमें मिलकर सही समय पर सही निर्णय लेना होगा और बच्चों को अधिकार दिलाने हरसंभव प्रयत्न करने होंगे, श्रीमती कक्कड़ ने छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा चलाए बाल मित्र पुलिस योजना की तारीफ करते हुए इसे पूरे देश के लिए अनुकरणीय बताया। केन्द्र सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग भारत सरकार श्री अजय तिर्की ने इस अवसर पर कहा कि बच्चों की सुरक्षा उनका संवैधानिक अधिकार है। बच्चों को शारीरिक, मानसिक व लैंगिक शोषण से बचाना जरूरी है। छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा बाल संरक्षण हेतु बनाए गए योजनाएं सराहनीय है। श्री तिर्की ने कहा कि सभी बच्चे समान अवसर प्राप्त कर सके, इसके लिए हम सब को मिलकर कार्ययोजना बनानी होगी। कार्यशाला को मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन श्री विवेक ढांड और यूनिसेफ की सुश्री हेनरिट एहरन्स ने भी संबोधित किया। राज्य सरकार के महिला एवं बाल विभाग की सचिव डॉ. एम. गीता ने विभाग द्वारा बच्चों के हित में चलाए जा रहे योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि बाल अपराध रोकने हेतु राज्य में लगातार कार्य हो रहे हैं। शाला पूर्व शिक्षा के तहत संस्कार अभियान में गणित व अंग्रेजी विषयों को खेल-खेल में पढ़ाया जा रहा है। कार्यशाला में यूनिसेफ द्वारा ‘बच्चों की आवाज’ नामक वृत्तचित्र दिखाया गया। राज्य के बच्चों पर हुए नवाचार का संकलन, ‘पहल’, बच्चों के संरक्षण हेतु ऑनलाईन शिकायत प्रणाली ‘मेरी आवाज’ तथा दस्तक ग्रहण प्रक्रिया हेतु क्षेत्रीय कर्मियों के लिए मार्गदर्शिका का विमोचन भी कार्यशाला में किया गया।
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