विश्व बैंक (The World Bank) ने वर्तमान वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटाकर 7.5 फीसदी कर दिया है. वर्ल्ड बैंक ने अपने पिछले अनुमान में 1.2 फीसदी की कटौती की है. इससे पहले इसी संस्था ने भारत की ग्रोथ का अनुमान 8.7 फीसदी लगाया था. वर्तमान में बढ़ती महंगाई, सप्लाई चेन में आ रही बाधाएं और भू-राजनीतिक तनावों के चलते ये कटौती की गई है.
वर्ल्ड बैंक को लगता है कि वित्त वर्ष 2024 में भी भारत की ग्रोथ 7.1 फीसदी की दर से हो सकती है. हालांकि यह बैंक के पिछले अनुमान 6.8 फीसदी से 30 बेसिस पॉइन्ट्स अधिक है. वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की GDP ग्रोथ के 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है.
वित्त वर्ष 2023 के लिए विकास पूर्वानुमान में गिरावट का संशोधन बड़ा है. यह स्थानीय अनुमानों की तुलना में अधिक है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2023 के लिए GDP की वृद्धि 7.2 प्रतिशत पर आंकी है. हालांकि कल (8 जून) को RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक के अंतिम दिन नई ब्याज दरों पर कोई अहम फैसला लिया जा सकता है. यह भी हो सकता है कि आर्थिक विकास का अनुमान भी रिवाइज़ हो जाए.
दुनियाभर की इकॉनमी “फिर से खतरे में”
हालांकि विश्व बैंक ने केवल भारत को लेकर ही अपने नजरिये में बदलाव नहीं किया है. उसने कहा है कि इस समय पूरी दुनिया की इकॉनमी “फिर से खतरे में है.” विश्व बैंक ने कहा है, “कोविड-19 महामारी के बाद हुए नुकसान के बाद, रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण ने ग्लोबल इकॉनमी के धीमी गति (स्लोडाउन) को और भी धीमा कर दिया, अब जिस समय में यह प्रवेश कर रही है वह अवधि कमजोर विकास और ऊंची मुद्रास्फीति के चलते लम्बी हो सकती है.”