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छत्तीसगढ़ राज्य में 15 सितम्बर से दो अक्टूबर तक ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान; मुख्यमंत्री ने ‘रमन के गोठ’ में प्रदेशवासियों को बताया।

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रमन के गोठ

रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ‘रमन के गोठ’ में कहा है कि राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों से विगत तेरह वर्षो में छह करोड़ 91 लाख 59 हजार मीटरिक टन धान खरीद कर उन्हें सहकारी समितियों के जरिए लगभग 75 हजार करोड़ रूपए का भुगतान किया है। उन्होंने कहा – जब हमने सरकार की बागडोर संभाली उसके पहले छत्तीसगढ़ के किसानों से सिर्फ पांच लाख मीटरिक धान की खरीदी होती थी। उन्हें भुगतान मिलने में भी काफी तकलीफ होती थी, लेकिन हमने कम्प्यूटर आधारित पारदर्शी व्यवस्था की। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए एक हजार 333 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के अंतर्गत 1989 उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी की व्यवस्था की गई है, ताकि किसानों को अपने गांव से दूर ना जाना पड़े। डॉ. सिंह आकाशवाणी के रायपुर केन्द्र से अपनी मासिक रेडियो वार्ता ‘रमन के गोठ’ की 25 वीं कड़ी में प्रदेश वासियों को संबोधित कर रहे थे। प्रदेश के सभी गांवों और शहरों में मुख्यमंत्री का यह रेडियो कार्यक्रम काफी उत्साह और गंभीरता से सुना गया। डॉ. सिंह ने अपने रेडियो प्रसारण में प्रदेश सरकार की किसान हितैषी नीतियों सहित पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर राज्य में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर छत्तीसगढ़ में भी 15 सितम्बर से दो अक्टूबर तक ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान चलाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने स्वच्छता को जनआंदोलन बना दिया है और गांधी जयंती को इसका प्रतीक। श्री मोदी ने आकाशवाणी से अपने ‘मन की बात’ में लोगों से 15 सितम्बर से दो अक्टूबर तक ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान चलाने का आव्हान किया था। डॉ. सिंह ने कहा – 17 सितम्बर को प्रधानमंत्री श्री मोदी का जन्म दिन है। मैं अपील करता हूं कि हम सब मिलकर उनका जन्म दिन ‘सेवा दिवस’ के रूप में मनाएं। मुख्यमंत्री ने श्री मोदी के नये कार्यक्रम ‘संकल्प से सिद्धी’ में भी जनभागादारी का आव्हान किया। उन्होंने ‘रमन के गोठ’ की आज की कड़ी में सरकार के किसान हितैषी कदमों का उल्लेख करते हुए कहा – वर्ष 2013-14 में इन समितियों में 78 लाख 35 हजार मीटरिक टन धान खरीद कर किसानों को दस हजार 362 करोड़ रूपए का समर्थन मूल्य और दो हजार 374 करोड़ रूपए का बोनस दिया गया था। वर्ष 2015 में राज्य में बड़ा सूखा पड़ा था, जिसके कारण किसानों को राहत देने के उपाय किए गए थे और लगभग 1800 करोड़ रूपए से अधिक राशि उन्हें अलग-अलग मदों से दी गई थी। इस बीच किसानों के लिए अनेक कल्याणकारी निर्णय लिए गए। फसल विविधिकरण, कृषि लागत मे कमी, वैज्ञानिक और तकनीकी उपायों से लाभदायक फसलों की खेती को बढ़ावा देने जैसे कई उपाय किए गए। उत्पादकता में वृद्धि के कारण प्रदेश को तीन बार चावल उत्पादन और एक बार दलहन उत्पादन पर कृषि कर्मण पुरस्कार मिला। बागवानी के क्षेत्र में शानदान उपलब्धि के कारण छत्तीसगढ़ को एग्रीकल्चर लीडरशिप एवार्ड 2017 भी प्राप्त हुआ है। राज्य में विगत तेरह वर्षो में उद्यानिकी का रकबा चार गुना और उत्पादन पांच गुना बढ़ा है।
डॉ. रमन सिंह ने कहा – पंडित दीनदयाल उपाध्याय के व्यक्तित्व और कृतित्व से सबको अवगत कराने के लिए छत्तीसगढ़ में 15 सितम्बर से 25 सितम्बर तक 11 दिन तक विशेष आयोजन करने की घोषणा राज्य सरकार द्वारा की गई है, ताकि समाज में समरसता के साथ विकास का रास्ता आसान हो सके। डॉ. रमन सिंह ने कहा – प्रदेश के सभी स्कूल-कॉलेजों में 15 सितम्बर से 25 सितम्बर तक पंडित उपाध्याय के जीवन पर केन्द्रित लोक-संगीत, नृत्य, नाटक, निबंध, चित्रकला, भाषण और वाद-विवाद प्रतियोगिताएं होंगी। विश्वविद्यालय में एकात्म मानववाद पर सम्मेलन, सेमीनार आदि का आयोजन किया जाएगा। सभी 27 जिलों में विभिन्न स्थानों पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जीवनी पर आधारित कथा का आयोजन होगा। गांवों में खेल-कूद प्रतियोगिता, स्वास्थ्य शिविर और कृषि मेले जैसे आयोजन होंगे। उनकी जन्म-जयंती पर 25 सितम्बर को प्रदेश में विशेष ग्राम सभाओं का भी आयोजन किया जाएगा, जहां उनकी जीवनी पढ़कर सुनाई जाएगी और विभिन्न विभागों द्वारा जनता को अंत्योदय सहित गरीबी उन्मूलन योजनाओं की भी जानकारी दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि- पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती समारोह ‘कार्यक्रमों का समापन 11 फरवरी 2018 को पंचायती राज सम्मेलन के रूप में किया जाएगा। डॉ. रमन सिंह ने अपनी रेडियो वार्ता में बताया कि प्रदेश में पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीब कल्याण वर्ष मानते हुए स्थायी महत्व के अनेक कदम उठाए गए हैं। कमजोर तबको को मकान दिलाने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय आवास योजना संचालित की जा रही है। अनेक योजनाओं का नामकरण उनके नाम पर किया गया है। ग्राम पंचायतों और जनपद पंचायतों को उनका सम्पूर्ण वांग्मय पुस्तक के सेट दिए गए हैं। नगरीय निकायों को भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा – मैं निवेदन करूंगा कि इन पुस्तकों का पठन-पाठन हर स्तर पर हो, ताकि एकात्म मानववाद और अंत्योदय की अवधारणा का सबको लाभ मिले। डॉ. सिंह ने कहा – नया रायपुर में मंत्रालय को मुख्य सड़क से जोड़ने वाले मार्ग का नामकरण एकात्म पथ किया गया है। साथ ही मुख्य चौराहे पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की विशाल प्रतिमा स्थापित की गई। जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था।

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