कोरोना वायरस संक्रमण से दुनियाभर में तमाम लोग अभी भी परेशान हैं, वहीं देशभर में अभी भी लाखों की संख्या में कोरोना संक्रमित अपना इलाज करा रहे हैं. वहीं इस बीच केंद्र सरकार की ओर से कोविड राहत योजना को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. दरअसल हाल ही में केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने कोविड राहत योजना को बंद करने का फैसला लिया है. इस योजना कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के तहत चलाई जा रही थी.
ESIC ने साल 2021 में जून महीने में कोविड राहत योजना पर मंजूरी दी थी जिसे दो साल के 24 मार्च 2020 से लागू किया गया था. फिलहाल केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव का कहना है कि कोरोना अब नियंत्रण में ऐसे में इस योजना को बंद कर देना चाहिए. दरअसल कुछ समय पहले ही हरियाणा के गुरुग्राम ईएसआईसी की गवर्निंग बॉडी की बैठक इस कोविड राहत योजना को आगे बढ़ाए जाने को लेकर एजेंडा तैयार किया गया था.
ईएसआईसी से जुड़े सूत्रों के अनुसार बैठक के दौरान श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने इसके आगे बढ़ाए जाने पर रोक लगाते हुए इसे इस साल मार्च में खत्म करने का फैसला लिया है. फिलहाल उनका कहना है कि श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच ESIC के अस्पतालों में जारी रहेगी और फैक्ट्रियों-एमएसएमई क्लस्टर को एक यूनिट माना जाएगा.
बता दें कि कोरोना काल में कोविड राहत योजना के द्वारा ESIC में रजिस्टर्ड कर्मचारी की कोरोना संक्रमण से मौत पर उसके परिवारवालों को आर्थिक मदद मुहैया कराई जाती है. ESIC कर्मचारी की कोरोना से मौत के बाद परिवार को इस योजना के तहत 1800 रुपए प्रतिमाह दिए जा रहे थे. इसके लिए यह राशी सीधे परिवार के बैंक खाते में जमा किया जा रहा है.