सरकार ने शनिवार को कच्चे पाम तेल के प्रभावी सीमा शुल्क को घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया. इस कदम से खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने और उपभोक्ताओं को राहत देने में मदद मिलेगी. सरकार ने कच्चे पाम तेल पर प्रभावी सीमा शुल्क 8.25 फीसदी से घटाकर 5.5 फीसदी किया है. इसके बाद कहा जा रहा है कि
कृषि सेस घटकर 5 फीसदी हुआ
एक आधिकारिक अधिसूचना में शनिवार को कहा गया कि कच्चे पाम तेल पर अब पांच फीसदी का कृषि अवसंरचना विकास उपकर लगेगा, जो अब तक 7.5 फीसदी था. इस कटौती के बाद कच्चे पाम तेल पर प्रभावी सीमा शुल्क 8.25 फीसदी की जगह 5.5 फीसदी रह जाएगा.
करीब 300 रुपये तक सस्ती हो सकती हैं कीमतें
कारोबारियों ने बताया कि इस कटौती से कीमतों में प्रति क्विंटल 280 रुपये की कमी आ सकती है. सरकार ने इससे पहले अक्टूबर 2021 में भी खाद्य तेल के आयात शुल्क में कटौती की थी.
भारत अपनी जरूरत का 60 फीसदी से ज्यादा तेल आयात करता है
भारत अपनी 60 फीसदी से अधिक खाद्य तेल जरूरतों को आयात के माध्यम से पूरा करता है. इंडोनेशिया और मलेशिया भारत को आरबीडी पामोलिन और कच्चे पाम तेल के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं.
एडिबल ऑयल के दाम बढ़े
पिछले कुछ समय से देश में खाने के तेल यानी Edible Oil के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं और सरकार इन पर लगाम लगाने की कोशिश कर रही है. देश में कुछ हिस्सों में खाने के तेल के दाम कम भी हुए हैं पर इसे पूरे देश में लागू करने के लिए सरकार कस्टम ड्यूटी में कमी करने जैसे कदम उठा रही है.