Home छत्तीसगढ़ भवन अनुज्ञा सरलीकरण प्रक्रिया का मिलने लगा लाभ

भवन अनुज्ञा सरलीकरण प्रक्रिया का मिलने लगा लाभ

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अपना खुद का आशियाना बनाना हर व्यक्ति का सपना होता है। कहते है जीवन में घर बनाना और शादी-विवाह करना किसी सपने से कम नहीं होता। इन्हीं सपनों को पूरा करने के लिए लोग जीवन भर भाग-दौड़ करते रहते हैं। मेहनत मशक्कत कर किसी तरह जमीन ले भी लिया, तो घर बनाने के लिए जटिल कार्यालयीन प्रक्रिया से गुजरना काफी मुश्किल भरा होता है। इन्हीं मुश्किल और जटिलता को सरल करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने एक क्लिक में 500 वर्गमीटर तक भूमि की भवन अनुज्ञा की अनुमति देने का प्रावधान निश्चित ही सराहनीय कदम है। राज्य सरकार की इस पहल से नगरीय क्षेत्रों में घर बनाने का सपना काफी हद तक सहज हो गया है।
शहरी क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों के लिए लगातार नागरिक सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है। इसी कड़ी में शहरों में अपना आशियाना बनाने की चाह रखने वाले लोगों के लिए नया साल खुशखबरी लेकर आया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर अब राज्य के नगर निगम क्षेत्रों में डायरेक्ट भवन अनुज्ञा सिस्टम जारी की है। इस नये सिस्टम में सॉफ्टवेयर के जरिए मात्र एक सेकेण्ड में भवन की अनुज्ञा दी जा रही है। कोई भी नागरिक अपना घर बनाने के लिए अपने निवास स्थान से ही कम्प्यूटर के जरिए अपने नए घर का नक्शा इस सॉफ्टवेयर में अपलोड कर सकता है। नक्शे अपलोड होने के तुरंत बाद सॉफ्टवेयर द्वारा नक्शों का परीक्षण कर तत्काल भवन अनुज्ञा जनरेट कर दी जाती है। इसके लिए मात्र एक रूपए का शुल्क लिया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गई इस नवीन सुविधा से नगरीय क्षेत्र के लोगों को अपने घर बनाने के सपने को पूरा करने में पहले की तरह कठिनाईयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। नक्शे पास कराने की प्रक्रिया जटिल थी। सरकार द्वारा लागू किए गए नए सिस्टम से अब लोगों को सहजता से मकान निर्माण के लिए अनुज्ञा मिलने लगी है। लोगों का कहना है कि किसी तरह पैसे का इंतजाम कर शहरी क्षेत्र में जमीन ले ली जाए, तो नक्शा पास करना भी एक समस्या थी, जिसे सरकार ने अब आसान कर दिया है।
छत्तीसगढ़ सरकार की इस नई पहल से मात्र एक क्लिक में 500 वर्गमीटर (5382 वर्गफीट) तक की भूमि में भवन अनुज्ञा मिल रही है। भवन अनुज्ञा देने में आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से इसमें लोगों का किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं रहा। यह शासकीय कामकाज में पारदर्शिता का एक बेहतरीन उदाहरण है। घर बनाने के लिए नक्शे पास कराना अब समस्या नहीं रही, न ही इस संबंध मंे शासकीय कार्यालयों का चक्कर काटने की जरूरत है।
डायरेक्ट भवन अनुज्ञा प्रणाली की विशेषता यह कि भवन अनुज्ञा प्रक्रिया से संबंधित सभी समस्याओं एवं उनके समाधान के लिए जनप्रतिनिधियों, आयुक्त एवं इंजीनियर के लिए अलग-अलग डेशबोर्ड बनाया गया है, जिसमें रोजाना प्राप्त आवेदनों की स्वीकृति अनुज्ञा एवं लम्बित प्रकरणों की जानकारी उपलब्ध होगी। दस्तावेज की मांग वाले शत-प्रतिशत केस का ऑडिट एवं भवन अनुज्ञा निरस्त होने वाले प्रत्येक केस का निकाय से राज्य स्तर तक एसएमएस द्वारा सूचना एवं उच्चस्तरीय समीक्षा का प्रावधान है। इस प्रणाली में नागरिकों पर भरोसा जताया है और आवेदक द्वारा दिए गए दस्तावेजों एवं शपथ पत्र के आधार पर ही अनुज्ञा जारी की जा रही है। आम नागरिकों से इस सेवा का लाभ लेने के लिए सही जानकारी के आधार पर ही भवन अनुज्ञा प्राप्त करने की अपील की है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में पिछले तीन वर्षाें में राज्य के लोगों के उतरोत्तर विकास एवं आर्थिक सशक्तिकरण के लिए अनेक नीतिगत फैसले लिए हैं। गांव और शहरों के विकास में अनेक उपलब्धियां हासिल की है। सरकार ने इस अवधि में जनहित में अनेक नीतिगत फैसलों के साथ-साथ गरीब और मध्यम तबकों के लोगों को बहुत से छूट और रियायतें दी हैं। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को गतिमान रखने के लिए अनेक निर्णय लिए हैं। इससे गरीब और मध्यम वर्गों को अपना आशियाना बनाने में काफी सहुलियत मिली है, वहीं राज्य शासन द्वारा रियल एस्टेट बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए कई नये प्रावधान भी किए गए हैं। ऑनलाईन पंजीयन सुविधा, निर्धारित समय अवधि में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की स्वीकृति दी जा रही है।
राज्य सरकार ने 5 डिसमिल तक के छोटे भू-खण्डों की खरीद-बिक्री पर लगी रोक हटाई गई। सम्पत्तियों की गाईड-लाईन दरों में 30 प्रतिशत की कमी की गई। भूमि नामांतरण और डायवर्सन की प्रक्रिया को पूर्व की अपेक्षा अब ज्यादा आसान किया गया है। महिलाओं को भू-खण्डों और मकानों के पंजीयन शुल्क में एक प्रतिशत की छूट प्रदान की है। पंजीयन कार्यालयों में आधुनिक सुविधाएं, ऑनलाईन पंजीयन और स्टाम्पिंग के साथ-साथ सिंगल विन्डों प्रणाली लागू की गई है।
भूमि संबंधी दस्तावेजों के रखरखाव के लिए डिजिटाईजेशन राजस्व न्यायालयों में ऑनलाईन प्रकरणों का पंजीयन की सुविधा शुरू की गई। पंजीयन विभाग में एक जनवरी 2019 से अब तक करीब दो लाख 75 हजार से ज्यादा छोटे भू-खंडों के क्रय विक्रय के दस्तावेजों का पंजीयन किया गया है। दस्तावेजों के बाजार मूल्य निर्धारण करने वाले गाईडलाईन की दरों में 25 जुलाई 2019 से 30 प्रतिशत की कमी को वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 के लिए भी यथावत रखा गया है।
मध्यमवर्ग के लिए भूमि-मकान खरीदना आसान हुआ है। 75 लाख कीमत तक के मकान-भवन के विक्रय संबंधी विलेखों पर अगस्त, 2019 से पंजीयन शुल्क की दर में 2 प्रतिशत की रियायत को वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 के लिए बढ़ाया गया है। राज्य सरकार द्वारा नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित भूमि व्यवस्थापन किया जा रहा है। ऐसे व्यक्ति जो शासकीय भूमि का अतिक्रमण कर आवासीय या व्यवसाय के लिए उपयोग कर रहे है वे शासन के गाइड लाईन के तहत भूमि स्वामी हक के लिए आवेदन कर सकते है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन के तहत 7500 वर्ग फीट भूमि के आबंटन के अधिकार जिला कलेक्टर को दिए गए हैं।

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