कोरोना के संक्रमण काल में एक तरफ जहां देशभर में रोजगार का हाल-बेहाल है. युवा एक अदद नौकरी के लिए तरस रहे हैं. बेरोजगारी दर लगातार बढ़ते जा रही है. वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में सालों तक सरकारी अफसर रहने के बाद भी रिटायर्ड होने पर संविदा नौकरी की चाहत ने रायपुर के ही पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी जीआर चंद्राकर को अपराधी बना दिया. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बतौर जिला शिक्षा अधिकारी पदस्थ रहने वाले सेवानिवृत्त जीआर चंद्राकर ने संविदा नहीं मिलने से नाराज अपने आला अधिकारियों को सबक सिखाने के उद्देश्य से एक ऐसी साजिश रची जिसमें वे खुद तो फंसे ही. बल्कि एक कांग्रेसी नेता और उनके सहयोगी भी सलाखों के पीछे पहुंच गए.
दरअसल मामला यह है कि बीते तीन सालों में यानेकि कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार में शिक्षा विभाग में ट्रांसफर के नाम पर सौकड़ों करोड़ रूपए के कथित लेनदेन की एक डायरी के कुछ पन्ने वायरल हुए थे. इससे सरकार के भीतर से लेकर बाहर तक खलबली मच गई थी. बात मंत्री से होते हुए मुख्यमंत्री तक पहुंच गई. मुख्यमंत्री ने आंखे तरेरी और तीन दिनों के भीतर ही साजिशकर्ता सलाखों के पीछे पहुंच गए. पूरे मामले को लेकर रायपुर एसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के नाम पर कथित डायरी के पन्नों सहित फर्जी शिकायत पत्र राखी थाने में स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजी गई. जिसकी जांच में यह खुलासा हुआ कि पूर्व डीईओ ने कांग्रेसी नेता संजय सिंह के सहयोग से कूटरचित दस्तावेज तैयार किए और कांग्रेसी नेता संजय सिंह के टायपिस्ट कपिल सिंह ने उसे स्पीड पोस्ट की. इस पर तीनों की गिरफ्तारी की गई है.
366 करोड़ रुपये के लेनदेन का दावा
पुलिस के मुताबिक 366 करोड़ रुपयों के कथित लेनदेन का कूटरचित दस्तावेज कोई एक-दो दिनों में नहीं बल्कि पूरे 6 महीनों में तैयार किया गया. पूर्व डीईओ और मुख्य आरोपी जीआर चंद्राकर ने पहले तीन सालों में हुए ट्रान्सफर का लिस्ट निकलवाया फिर एक डायरी तैयार की और सभी ट्रांसफर के आगे कथिततौर पर रुपए का जिक्र कर कई अधिकारी, शिक्षामंत्री, शिक्षामंत्री की पत्नी, उनके स्टॉफ को पैसे दिए जाने का जिक्र कर दिया. कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के बाद कांग्रेसी नेता संजय सिंह के टायपिस्ट कपिल सिंह ने उसे राखी थाना, कुछ मीडिया हाउसेस सहित अन्य स्थानों पर पोस्ट किया. पुलिस ने स्पीड पोस्ट लेकर वायरल खबरों तक जांच के दायरे में शामिल किया और फिर नतीजे तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की.
सरकार को बदनाम करने की कोशिश
मामले में पुलिस की तेजी इस बात से भी. क्योंकि आगामी दिनों में उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा का चुनाव होना है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस की ओर से यूपी में सीनियर आब्जर्वर की भूमिका निभा रहे हैं. ऐसे में विपक्ष उन्हें शिक्षा विभाग में हुए कथित लेनदेन के मसले पर घेरता उससे पहले ही सीएम ने अपनी आंखे तरेर दी. पुलिस ने आरोपियों को धर-दबोचा. पुलिस और प्रशासन तब भौच्चक रह गई जब सरकार को बदनाम करने की बड़ी साजिश में कांग्रेसी नेता संजय सिंह का नाम आया. सूत्रों की माने तो सरकार की ओर से हरिझंडी मिलने के बाद तत्काल प्रभाव से संजय सिंह सहित तीनों आरोपियों को भारतीय दंड सहिंत की धारा 120 बी, 201, 468, 471, 420 और 419 के तहत गिरफ्तार किया गया.