मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार बनते ही छत्तीसगढ़ में राहतों का सिलसिला प्रारंभ हुआ। किसान जो हमारे प्रदेश की शान हैं, उनके हित में फैसले लिये गए। वर्षों से लंबित 17 लाख 82 हजार किसानों का 8 हजार 755 करोड़ रू. का कृषि ऋण, 244 करोड़ रू. का सिंचाई कर माफ किया। बस्तर के लोहंडीगुड़ा में 1700 से अधिक आदिवासी किसानों की 4200 एकड़ जमीन वापिस कर दी। तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक 2500 रू. प्रति मानक बोरा से बढ़ा कर 4000 रू. प्रति मानक बोरा कर दिया। बिजली बिल हाफ करने के साथ ही 19.78 लाख गरीब परिवारों को 30 यूनिट तक निःशुल्क बिजली की सुविधा से लाभान्वित किया गया। महात्मा गांधी के 150वीं जयंती पर प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण योजना, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, छत्तीसगढ़ सर्वभौम पीडीएस की शुरूआत की गई। गरीबी की वजह से बीमारी का इलाज नही करा पाने वाले लोगों को जहां सरल व सहज स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई, वहीं महिलाओं, किशोरियों को पोषण आहार, जरूरतमंद सभी गरीब परिवारों को पीडीएस के माध्यम से खाद्यान्न उपलब्ध कराने की नई पहल की। मुख्यमंत्री ने डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना लागू कर प्रदेश के 56 लाख परिवारों को 5 लाख रुपए तक का उपचार, 9 लाख परिवारों को 50 हजार रुपए तक इलाज की सुविधा दी। मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत 20 लाख रुपये तक उपचार की सुविधा देने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य भी बन गया।