मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण को उनकी पुण्यतिथि 12 दिसम्बर पर नमन किया है । श्री बघेल ने उनकी कृतियों को याद करते हुए कहा कि मैथलीशरण गुप्त जी ने खड़ी बोली को काव्य भाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और नये कवियों को प्रेरित किया। राष्ट्रीय और सामाजिक चेतना से ओतप्रोत खड़ी बोली की उनकी रचनाओं ने बड़े वर्ग पर प्रभाव डाला। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उनकी रचनाओं के प्रभाव को देखते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने उन्हें राष्ट्रकवि की उपाधि दी थी। गुप्त जी को उनके कालजयी साहित्य के लिए पद्मभूषण सहित कई पुरस्कारों से नवाजा गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुप्त जी की रचनाएं भारतीय सहित्य की अमूल्य धरोहर हैं जो नई पीढ़ी का मार्गदर्शन करती रहेगी ।