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राजधानी के जयस्तंभ चौक पर शहीद वीर नारायण सिंह की आदमकद प्रतिमा लगाई जाएगी : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मुख्य मंच पर शहीद वीर नारायण सिंह के परिजनों का शॉल एवं श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा शहीद के वंशजों के बढ़ाये गये मासिक पेंशन स्वीकृति आदेश पत्र भी प्रदान किये। आदेश के तहत अब प्रतिमाह उनके वंशजों को 10 हजार रूपए पेंशन मिलेगी। इसके पहले मासिक पेंशन केवल एक हजार रूपये मिलता था। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सोनाखान इलाके के पांच ग्राम- कुकरीकोना, उपरानी, अचानकपुर, पटियापाली एवं गितपुरी की ग्राम सभा को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र भी वितरित किये। सोनाखान कॉलेज की मेधावी छात्र-छात्राओं को भी मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अंग्रेजी सरकार के खिलाफ बगावत का बिगुल शहीद वीर नारायण सिंह ने फूंका था। उनके बलिदान दिवस पर उन्हें याद करके हम गौरवान्वित महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार शहीद वीर नारायण सिंह के आदर्शों पर चलकर गांव, गरीब और किसानों के कल्याण में जुटी हुई है। किसानों के आर्थिक सामाजिक विकास के कार्यों से हम जरा भी पीछे नहीं हटेंगे। किसानों का सर्वागीण विकास हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। विपरित परिस्थितियों एवं अड़गेबाजी के बावजूद हम किसानों की उपज का घोषणा के अनुरूप खरीदी कर रहे हैं। दिनों-दिन हम किसानों से ज्यादा मात्रा में धान खरीदी कर रहे हैं। इस वर्ष 1 करोड़ 5 लाख मीटरिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों के लंबित लगभग 400 करोड़ रूपये की सिंचाई कर माफ किया है। तेन्दूपत्ता की खरीदी मूल्य 2500 रूपये से बढ़ाकर 4 हजार रूपये प्रति मानक बोरा किये हैं। पहले केवल 7 प्रकार के लघु वनोपजों की खरीदी की जाती थी, इसे बढ़ाकर हम 52 प्रकार के वनोपजों की खरीदी कर रहे हैं। इनका लाभकारी समर्थन मूल्य भी राज्य सरकार ने घोषित कर रखा है। पूरे देश में छत्तीसगढ़ पहला प्रदेश है जिसने कोदो-कुटकी एवं रागी जैसे फसलों का समर्थन मूल्य घोषित किया है। इस दर पर हम सरकारी खरीदी भी कर रहे हैं। हम बरसों से वन भूमि पर काबिज लोगों को वन अधिकारी पट्टा भी वितरित कर उन्हें चिंता से मुक्त कर दिये हैं। राज्य में लगभग साढ़े 4 लाख लोगों को वन भूमि का पट्टा वितरित किया गया है। छत्तीसगढ़ इस मामले में भी पहला राज्य है कि इसने गोबर को भी किसानों और ग्रामीणों की आमदनी का जरिया बना दिया है। हम एक रूपये में चाऊर दे रहे हैं और 2 रूपये में लोगों से गोबर खरीद रहे हैं। इस तरह की व्यवस्था देश में और कहीं नहीं है।

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