राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव स्थल पर जनसंपर्क विभाग द्वारा फोटो प्रदर्शनी के माध्यम से राज्य के पर्यटन, पारंपरिक वेशभूषा, गहने वाद्य यंत्र को आकर्षक चित्र के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। महोत्सव देखने आए स्व-सहायता समूह, विद्यालय और महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने विशेष रूचि के साथ प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
रायपुर दूधाधारी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय की छात्राएं जानकी देवांगन, आरती साहू, यामिनी सिन्हा, खुशबू सिंहा ने प्रदर्शनी के दूसरे नंबर ब्लॉक पर लगाए गए राम वन गमन पथ परियोजना की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने इसे महत्वकांक्षी योजना के रूप में शामिल किया है। इससे राज्य के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रामायण कालीन धार्मिक महत्व के स्थानों को महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों के रूप में पहचान मिलेगी। इसी प्रकार महासमुंद जिले के बी.के. बहारा की जय लक्ष्मी महिला स्व-सहायता के समूह की सदस्यों ने भी प्रदर्शनी का अवलोकन किया और पारंपरिक वाद्य यंत्र, आभूषण के चित्रों की सराहना की। पंडित रविशंकर हायर सेकेंडरी स्कूल कुकुरबेड़ा के विद्यार्थियों ने भी प्रदर्शनी का अवलोकन किया और सामान्य ज्ञान की दृष्टि से प्रदर्शनीय को उपयोगी बताया।
प्रदर्शनी का अवलोकन करने आये लोगों ने कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के जरिए देश-विदेश की संस्कृति को जानने समझने का मौका मिलता है। इसके अलावा राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा पौने तीन साल की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया है। इससे जनता की भलाई के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी मिली।