छत्तीसगढ़ मानव अधिकार आयोग, रायपुर द्वारा पुलिस अभिरक्षा में प्रताड़ना के एक प्रकरण में 25000=00 मुआवजा राशि देने की अनुशंसा की गई है|
ज्ञात हो छत्तीसगढ़ मानव अधिकार आयोग, रायपुर में आवेदक शिकायतकर्ता चैन सिंह जगत, ग्राम पंचायत (सालिहापारा), चौकी हरदीबाजार, तहसील पाली, जिला कोरबा ने इस आशय से शिकायत की थी, कि उन्होंने परिवार के साथ मिलकर, भूमि क्रय करने के लिए रजिस्ट्री कराने हेतु राशि रू. 14,67,000 (चौदह लाख सड़सठ हजार रूपये) घर पर जमा किये थे| रजिस्ट्री से पूर्व संपूर्ण राशि को घर में ही आलमारी के अंदर सूटकेस में रखा गया था, एवं दिनांक 9-8-16 को अज्ञात चोर, आलमारी में रखे सूटकेस को तोड़कर राशि चुराकर ले गये। आवेदक ने घटना की शिकायत, चौकी हरदीबाजार में की थी। तत्पश्चात चौकी प्रभारी, हरदीबाजार ने शराब के नशे में आवेदक से गाली गलौज, अभद्र व्यवहार किया, शिकायतकर्ता के आवेदन के आधार पर छत्तीसगढ़ मानव अधिकार आयोग, रायपुर द्वारा शिकायत की प्रति, पुलिस अधीक्षक, कोरबा को प्रेषित कर प्रतिवेदन आहूत किया गया। पुलिस अधीक्षक, कोरबा ने प्रतिवेदन में पुलिस कर्मियों द्वारा आवेदक के साथ प्रताड़ना की घटना को सही पाया गया है| आयोग द्वारा मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा 16 के अंतर्गत दोषी पुलिस कर्मियों से भी जवाब मांगा गया, परन्तु अनावेदकगण द्वारा संतोषकारक जबाव प्रस्तुत नहीं किया गया है। अभिलेख व साक्ष्य के परिशीलन से जांच उपरांत एवं अनावेदक द्वारा आवेदक चैनसिंह जगत को प्रताड़ित किया जाना पाए जाने पर, छत्तीसगढ़ शासन, गृह विभाग को आवेदक चैनसिंह जगत को 25,000/- (पच्चीस हजार) रूपये का मुआवजा राशि प्रदान किये जाने की अनुशंसा की गई है।