राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने दो माह से जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में मई माह में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना का स्वत: संज्ञान लिया है और राज्य पुलिस प्रमुख को मामले में त्वरित कार्रवाई करने को कहा है. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि उन्हें सूचित किया गया है कि मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और अन्य आरोपियों को भी जल्द ही पकड़ लिया जाएगा. चार मई की इस घटना का वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद से मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि विरोधी पक्ष के कुछ पुरुष एक समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमा रहे हैं.
महिला आयोग ने ट्वीट किया, ‘‘एनसीडब्ल्यू मणिपुर घटना की निंदा करता है. स्वत: संज्ञान ले रहे हैं, मणिपुर के पुलिस महानिदेशक को तत्काल उचित कार्रवाई करने को कहा गया है.’’ महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ट्वीट किया है, ‘‘अभी-अभी मणिपुर के डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) से बात की और उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि अन्य (आरोपियों) को जल्दी गिरफ्तार कर लिया जाएगा.’’
इससे पहले, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि वीडियो को लेकर उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से बात की है. उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी जाएगी. मणिपुर में पुलिस ने बताया कि थोउबाल जिले के नोंगपोक सेकमाई थाने में अज्ञात सशस्त्र लोगों के खिलाफ अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले दर्ज किए गए हैं.
‘इंडिजीनियस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘चार मई को कांगपोकपी जिले में हुई इस ‘घृणित’ घटना (के वीडियो) में देखा जा सकता है कि कुछ पुरुष लगातार निसहाय महिलाओं के साथ छेड़खानी कर रहे हैं और वे (महिलाएं) उन्हें बंधक बनाने वालों से मिन्नतें कर रही हैं.’’
राज्य में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग को लेकर मेइती समुदाय द्वारा पहाड़ी जिलों में तीन मई को आयोजित ‘ट्राइबल सॉलिडारिटी मार्च’ (आदिवासी एकजुटता मार्च) वाले दिन मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क गई और अभी तक इसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है जबकि तमाम लोग घायल हुए हैं. मणिपुर में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी समुदाय के आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे पहाड़ी जिलों में रहते हैं.