यूरोपीय पुनर्गठन एवं विकास बैंक (EBRD) की अध्यक्ष ओडिले रेनॉ-बासो की रविवार से शुरू हो रही भारत यात्रा के दौरान जी20 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक के अलावा बहुपक्षीय विकास बैंकों में सुधार का एजेंडा भी चर्चा में रहने की संभावना है. रेनॉ-बासो अपनी भारत यात्रा की शुरुआत रविवार को गांधीनगर में जी20 देशों के वित्त मंत्रियों एवं केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक से करेंगी. उसके बाद वह राजधानी दिल्ली में आयोजित भारतीय उद्योग परिसंघ के एक गोलमेज सम्मेलन में शिरकत करेंगी.
यह सम्मेलन पश्चिम एवं मध्य एशिया और उत्तर अफ्रीकी देशों में ईबीआरडी के सदस्य देशों की गतिविधियों में भारत के निजी क्षेत्र के लिए उपलब्ध अवसरों पर चर्चा करेगा. ईबीआरडी की पहली महिला प्रमुख रेनॉ-बासो ने भारत दौरे की शुरुआत के पहले दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘जी20 विमर्श के केंद्र में शामिल बहुपक्षीय विकास बैंक में सुधार से संबंधित हरेक मुद्दा हमारी चर्चा के लिए अहम है. वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत को जी20 अध्यक्ष के तौर पर बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है.’
1991 में हुई थी EBRD स्थापना
लंदन स्थित मुख्यालय वाले ईबीआरडी की एक बहुपक्षीय विकास बैंक के रूप में स्थापना 1991 में हुई थी. शीत युद्ध की समाप्ति के बाद उभरते यूरोप में निजी एवं उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए इसकी स्थापना की गई थी. भारत भी इसके 71 शेयरधारक देशों में से एक है. ईबीआरडी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में कुछ मानकों के आधार पर निवेश करता है ताकि ये देश अधिक प्रतिस्पर्द्धी, अधिक समावेशी, अधिक जुझारू और अधिक एकीकृत बन सकें और उनका शासन भी बेहतर हो.