दिल्ली के कैब ड्राइवर रंजीत कुमार को इनकम टैक्स विभाग (I-T Department) और जीएसटी अथॉरिटीज (GST Authorities) ने हाल में गिरफ्तार कर लिया. पकड़े जाने पर रंजीत को पता चला कि उसे एक फर्जी कंपनी चलाने और टैक्स चोरी के आरोप में धर लिया गया है. आरोप सुनते ही रंजीत के कान खड़े हो गए और उसने अधिकारियों को विश्वास दिलाया कि यह काम उसका नहीं है. न ही उसकी माली हालत इतनी अच्छी है कि वह कोई कंपनी चला सके.
टैक्स अधिकारियों ने बताया कि रंजीत के नाम से एक फर्जी कंपनी का जीएसटी रजिस्ट्रेशन है. उसके पैन और आधार का इस्तेमाल फाइनेंशियल फ्रॉड के लिए किया गया है. हालांकि, अधिकारियों ने पूरी बात जानने के बाद रंजीत को छोड़ दिया, लेकिन इससे एक नए तरीके के फर्जीवाड़े के बारे में पता चला और अधिकारियों ने लोगों को अपनी पहचान छुपाकर रखने की सलाह दी है. ऐसे में अगर आपके नाम से भी कहीं फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन है तो जीएसटी चोरी के आरोप में धरा जा सकता है. लिहाजा अपने डॉक्यूमेंट को संभालकर रखिए और इसे ऐसे ही कहीं सार्वजनिक मत कीजिए.
बहुत बड़ा है फर्जीवाड़ा
नोएडा पुलिस ने इस मामले में 18 लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 6 लाख लोगों के पैन के डाटा जब्त किए हैं. आरोपियों ने इसके इस्तेमाल से पहले ही 3 हजार से ज्यादा जीएसटी रजिस्ट्रेशन करा लिए थे. इसकी जानकारी मिलने पर जीएसटी परिषद ने मंगलवार को हुई बैठक में अब रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को और कड़ा बनाने पर जोर दिया है. मामले की गंभीरता अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह देश के 20 राज्यों में फैला हुआ है