हरियाणा के गुरुग्राम के बिल्डर M3M के मालिकों के बाद ईडी ने कंपनी के लीगल अडवाइजर अजय परमार को भी गिरफ्तार कर लिया. ईडी ने इससे पहले गुरुवार को कंपनी के मालिक बसंत बंसल और पंकज बंसल को गिरफ्तार किया था. कंपनी के एक और मालिक रूप बंसल को भी गिरफ्तार कर ईडी ने 7 दिन का रिमांड लिया था.
निलंबित जज सुधीर परमार के खिलाफ हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी. 17 अप्रैल को जज सुधीर परमार, M3M के मालिक रूप बंसल, बसंत बंसल के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था. 13 जून को ईडी ने जज के भतीजे अजय परमार को नामजद किया और फिर शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया.
भतीजे के जरिये ही जज सुधीर परमार पर लाभ लेने का आरोप है. एसीबी के मुताबिक, ईडी के अधिकारियों का कहना है कि M3M समूह के मालिक रूप और बसंत बंसल ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिटिंग जज सुधीर परमार को लाभ दिया. आरोप यह भी है कि अजय को M3M समूह ने पहले कम वेतन पर रखा और फिर जब मामला सुधीर परमार की अदालत में पहुंचा तो अचानक से अजय परमार के वेतन में वृद्धी कर दी गई.
1 जून को M3M और उसके निदेशकों के साथ-साथ एक अन्य रियल एस्टेट कंपनी IREO के खिलाफ दिल्ली और गुरुग्राम में ED ने छापे मारे थे, जिसमें M3M के मालिक बसंत बंसल समेत रूप कुमार बंसल, पंकज बंसल और अन्य लोग जानबूझकर जांच से बचते रहे. छापेमारी के दौरान ईडी को फरारी, लंबोर्गिनी और बेंटले जैसी 60 करोड़ की लग्जरी गाड़ियां मिलीं. यही नहीं, 5.75 करोड रुपये के आभूषण भी ईडी ने जब्त किए थे. बाद में ईडी ने M3M के निदेशक रूप बंसल को गिरफ्तार कर लिया था.