बिपरजॉय तूफान का असर धीरे-धीरे कम होने लगा है. ऐसे में अब हर किसी के मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या इस तूफान के चलते मानसून पर भी असर पड़ा है? क्या मानसून की रफ्तार इस चक्रवाती तूफान के बाद तेज हो जाएगी या फिर मानसून इसके चलते धीमी चाल से चलेगा? मौसम विभाग की तरफ से इन सभी सवालों के जवाब दिए गए हैं. मौसम विभाग का कहना है कि मानसून एक बड़े स्तर पर आने वाली एक गतिविधि है. वहीं, अगर तूफान की बात की जाए तो एक लोकल गतिविधि है जो विशेष प्रकार की कंडीशन में उत्पन्न होता है. लिहाजा बड़े स्तर पर समझा जाए तो मानसून पर इसका कोई ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा.
मौसम विभाग के महानिदेशक मृतुंज्य महापात्रा ने कहा, “जब मानसून केरल में आया उसी वक्त चक्रवाती तूफान बिपरजॉय भी आया था. उसने शुरुआत में मानसून को मदद की लेकिन कुछ दिनों बाद तूफान उत्तर दिशा की ओर बढ़ने लगा. जिसके चलते उसका मानसून पर प्रभाव नेगेटिव होता चला गया. 17 जून तक तूफान का असर रहेगा. 18 जून से मानसून पर इसका नेगेटिव असर भी खत्म हो जाएगा. इसके बाद 21 जून से मानसून दक्षिण भारत और उत्तर भारत में आगे बढ़ने लगेगा.”
दिल्ली-एनसीआर में कब आएगा मानसून?
बंगाल की खड़ी के ऊपर व देश के पूर्वी हिस्से में चक्रवाती तूफान का सीधा असर नहीं रहा. हालांकि इसके बावजूद मानसून इस चक्रवात के बाद अपने स्थान से आगे भी नहीं पढ़ा. बताया जा रहा है कि 18 जून के बाद पूर्वी भारत में भी मानसून रफ्तार पकड़ सकता है. अब सवाल यह उठता है कि उत्तर भारत में और देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में मानसून कब आएगा. मौसम विभाग का कहना है कि मानसून दिल्ली में 28 से 30 जून के बीच पहुंच सकता है. दिल्ली में आमतौर पर हर साल मानसून के पहुंचने की आधिकारिक तारीक भी 28 जून है. ऐसे में दिल्ली-एनसीआर में तय समय पर ही मानसून की झमाझम बारिश होने के आसार हैं. मानसून की ऐसी ही पंजाब, हरियाणा में भी रहेगी.