एयर इंडिया एयरलाइन के एमडी और सीईओ कैंपबेल विल्सन ने शुक्रवार को कहा कि एयर इंडिया मुनाफा हासिल करने के लिए कुछ महीनों में बेहतर रेवेन्यू मैनेजमेंट सिस्टम की ओर बढ़ेगी. एयरलाइंस एक नेटवर्क-बेस्ड रेवेन्यू मैनेजमेंट सिस्टम पर अपग्रेड करने की तैयारी कर रही है, जो इसे दुनिया की बाकी टॉप एयरलाइन्स के बराबर लाएगी.
आपको बता दें कि नेटवर्क-आधारित रेवेन्यू मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग बड़ी एयरलाइन्स करती है, क्योंकि यह उनके हब-एंड-स्पोक मॉडल के अनुरूप होता है. जबकि एयर इंडिया वर्तमान में सेगमेंट पर बेस्ड रेवेन्यू मैनेजमेंट सिस्टम पर काम करती है.
रेवेन्यू मैनेजमेंट सिस्टम में क्या होगा सुधार?
मौजूदा समय में एयर इंडिया जिस रेवेन्यू मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग करती है, वह सिस्टम यात्रा के प्रत्येक चरण के लिए टिकटों की डिमांड का अनुमान लगाती है और उसके आधार पर टिकट की कीमतें निर्धारित करती है. वहीं दूसरी ओर नेटवर्क-आधारित रेवेन्यू मैनेजमेंट सिस्टम यात्री की पूरी यात्रा को ध्यान में रखते हुए डिमांड का अनुमान लगाता है, जिसके आधार पर टिकट की कीमतों को कस्टमाईज किया जाता है. जैसे अगर किसी को न्यूयॉर्क से दिल्ली होते हुए लखनऊ की यात्रा करनी है, तो नेटवर्क-आधारित रेवेन्यू मैनेजमेंट सिस्टम पूरी यात्रा को ध्यान में रखते हुए डिमांड के अनुमान को कैलकुलेट करेगी और टिकट की कीमतों को कस्टमाईज करेगी.
‘टेक ऑफ’ फेज में है प्रोजेक्ट ‘विहान’
विल्सन ने कर्मचारियों को एक संदेश में बताया कि “Altea RM सिस्टम के सफल कटओवर के लिए हमारे RM और IT सहयोगियों को बधाई. यह लॉयल्टी, प्राइसिंग, बिक्री, डिस्ट्रीब्यूशन और कार्गो में परिवर्तनकारी परियोजनाओं के साथ मिलकर, हमारे रेवेन्यू और प्रॉफिटेबिलिटी हासिल करने की दिशा में एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है.” विल्सन ने कहा कि कंपनी अब अपने ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट ‘विहान’ के ‘टेक ऑफ’ फेज में है. इसलिए जून से कर्मचारियों से मिलने के लिए विल्सन, सीनियर अधिकारी और प्रोजेक्ट टीम देश भर के शहरों की यात्रा करेंगे.
देश की दूसरी समय पर चलने वाली एयरलाइन
सेगमेंट-बेस्ड रेवेन्यू मैनेजमेंट सिस्टम का कटओवर कुछ महीनों में नेटवर्क-आधारित रेवेन्यू मैनेजमेंट सिस्टम पर अपग्रेड हो जाएगा. इसके बाद एयर इंडिया की प्राइसिंग और रेवेन्यू मैनेजमेंट कैपेसिटी बाकी टियर -1 एयरलाइन्स के बराबर होंगी. बता दें कि पिछले साल जनवरी में एयर इंडिया को टाटा समूह को सौंप दिया गया था. एयरलाइन्स ने 2021-22 में लगभग 7,000 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया. वहीं कंपनी ने अपने 2022-23 के नतीजे अभी तक घोषित नहीं किए हैं. विल्सन ने अप्रैल में अकासा एयर के बाद एयर इंडिया को देश की सबसे समय पर चलने वाली एयरलाइन बनाने के लिए कर्मचारियों को बधाई दी. विल्सन ने कहा कि हमारी ओर से एयरलाइन की सभी सुविधाओं को बेहतर करने पर काम चल रहा है.