इस सुरंग का निर्माण समुद्र तल से 11,500 फीट से अधिक की ऊंचाई पर किया जा रहा है जो कश्मीर को कन्याकुमारी से जोड़ने का काम करेगा. इस सुरंग से लद्दाख जैसे देश के दूरदराज के हिस्सों तक पहुंचने में आसानी होगी और जोजिला दर्रे पर निर्भरता को कम करेगी.
कश्मीर घाटी और लद्दाख क्षेत्र के बीच हर मौसम में संपर्क कायम रखने वाली रणनीतिक रूप से अहम जोजिला सुरंग का काम तेज गति से जारी है. इसकी एक खासियत यह भी रहेगी कि एक बारहमासी सड़क होगी जो भारी बर्फबारी में दुर्गम रहती है
श्रीनगर-करगिल-लेह राजमार्ग पर यह सुरंग जोजिला दर्रे से होकर गुजरेगी. यह सुरंग परियोजना सामरिक नजरिये से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण राजमार्ग बंद हो जाता है जिससे लद्दाख क्षेत्र का कश्मीर घाटी से संपर्क टूट जाता है.
जोजिला सुरंग कश्मीर के गांदरबल जिले में बालटाल को लद्दाख में करगिल जिले के द्रास कस्बे में मिनीमार्ग से जोड़ेगी. सोनमर्ग से मिनिमर्ग तक की परियोजना की कुल लंबाई 31 किमी है. सोनमर्ग से बालटाल तक 18 किलोमीटर लंबा संपर्क मार्ग है जबकि मुख्य सुरंग की लंबाई 13 किलोमीटर है.