वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं. सोमवार को उन्होंने कई कार्यक्रमों में भाग लिया और विश्व व्यापार संगठन (WTO), फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) और क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर भारत का स्टैंड क्लियर किया. वित्त मंत्री ने वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी थिंक टैंक पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स के एक कार्यक्रम में कहा कि भारत की ग्रोथ न केवल सही दिशा में जा रही है बल्कि टिकाऊ भी है. भारत की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ बढ़ने से इसे सहारा मिल रहा है.
सीतारमण ने कहा कि विश्व व्यापार संगठन को ज्यादा प्रोग्रेसिव होने की जरूरत है. डब्ल्यूटीओ को उन देशों की बातें भी सुननी चाहिए, जो भिन्न मत रखते हैं. उन्होंने कहा की भारत चाहता है कि ग्लोबलाइजेशन (Globalization) को ज्यादा पारदर्शी होना चाहिए. इसके फायदे को पलटा नहीं जाना चाहिए. फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एफटीए को लेकर भारत की बातचीत यूरोपीय यूनियन, कनाडा और इंग्लैंड के साथ जारी है. बातचीत की प्रक्रिया में तेजी आई है. भारत आस्ट्रेलिया के साथ यह मुक्त व्यापार समझौता कर चुका है.
क्रिप्टोकरेंसी पर बने सांझा ढांचा
उद्योग निकाय सीआईआई, यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल और यूएस चैंबर द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हिस्सा लिया. सीतारमण ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत क्रिप्टोकरेंसी चर्चा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. क्रिप्टोकरेंसी में बहुत उतार-चढ़ाव आया है. इसको कई झटके लगे हैं. भारत चाहता है कि क्रिप्टो से डील करने के लिए सभी देश एक सांझा ढांचा विकसित करें. भारत के मजबूत डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स और अकाउंट एग्रीगेटर प्लेटफार्म ने छोटे उद्यमियों की लोन प्राप्त करने और डिजिटल सुविधाओं का लाभ उठाने में बहुत मदद की है.