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भारत का होगा यह दशक, बनेगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था, प्रति व्यक्ति आय में आएगा तेज उछाल

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भारत 2030 से पहले दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना जाएगा. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, एनर्जी और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश के जरिए भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ेगी. यह दावा ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंक मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट में किया गया है. मॉर्गन स्टैनली ने Why this is India’s decade (यह भारत का दशक क्यों है) नाम से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है.

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में ताकत हासिल कर रहा है. यह निवेशकों और कंपनियों के लिए अच्छा मौका है. रिपोर्ट के अनुसार, यह परिस्थतियां पीढ़ियों में एक बार बनती हैं. डेमोग्राफिक, डिजिटलाइज़ेशन, डीकार्बनाइज़ेशन और डीग्लोबलाइजेशन फिलहाल भारत के पक्ष में हैं. भारत फिलहाल दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. अन्य चार सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी हैं.

आय में वृद्धि
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले दशक में भारत में ऐसे परिवारों की संख्या पांच गुना बढ़कर 2.5 करोड़ हो जाएगी जिनकी सालाना आय 35,000 डॉलर (मौजूदा एक्सचेंज रेट पर 28 लाख रुपये से अधिक) होगी. आय में बढ़ोतरी के खपत में भी तेजी आएगी और जीडीपी अभी से दोगुनी होकर 2031 तक 7.5 लाख करोड़ डॉलर की हो जाएगी. वहीं, अगले 10 सालों में ये 10 लाख करोड़ डॉलर को पार कर जाएगी. भारत की औसत प्रति व्यक्ति आय 2278 डॉलर (1.88 लाख रुपये) से बढ़कर 2031 तक 5242 (4.33 लाख रुपये) डॉलर हो जाएगी.

वर्क फ्रॉम इंडिया
अगले एक दशक में भारत में आउटसोर्स (भारत में विदेशी कंपनियों का काम) किए गए कार्यों में लगे श्रमिकों की संख्या दोगुनी होकर 1.10 करोड़ तक पहुंच सकती है. आउटसोर्सिंग पर होने वाला खर्च 180 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वर्ष 2030 तक लगभग 500 अरब अमेरिकी डॉलर हो सकता है. इसका असर कमर्शियल व रेसिडेंशियल प्रॉपर्टीज पर देखने को मिलेगा.

आधार ने वित्तीय लेनदेन किया आसान
इस रिपोर्ट में आधार की प्रशंसा की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, गिरते-संभलते शुरू हुई इस परियोजना ने कानूनी समेत कई तरह की चुनौतियों का सामना किया. बकौल रिपोर्ट, यह सभी भारतीयों के लिए मूलभूत पहचानपत्र है और इसने वित्तीय लेनदेन को आसान व सस्ता बना दिया है. रिपोर्ट में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की भी बात की गई है. इसमें कहा गया है कि आधार ने कल्याणकारी योजनाओं के लिए लाभार्थियों को किए जाने वाले सीधे भुगतान में किसी भी तरह की अनियमितता की गुंजाइश को खत्म कर दिया है.

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